रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई | रामायण की चौपाई | रामायण चौपाई
रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ सहित बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥ सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुघात सुहाई॥ अर्थ : सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर …
रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई | रामायण की चौपाई | रामायण चौपाई Read More »