Author name: raginu00d

भगवद गीता

भगवद गीता उपदेश: विस्तृत व्याख्या सहित

  परिचय: भगवद गीता एक हिंदू धर्म का विश्व विख्यात और एक बहुत पवित्र और प्रेरणास्पद ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व के अध्याय 23 से लेकर 40 तक स्थित है। यह एक बहस भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुई, जब कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन अपने कर्तव्यों के विषय में भ्रमित और …

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रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ सहित

रामचरितमानस अयोध्या काण्ड अर्थ सहित

यहाँ प्रस्तुत रामचरितमानस अयोध्याकाण्ड का शुरुआती भाग है, जिसमें कुछ श्लोक और दोहा हैं। श्रीगणेशायनमः श्रीजानकीवल्लभो हवजयते श्रीरामचररतमानस हितीय सोपान श्री अयोध्या काण 1. श्लोक: “यस्याङ्के च विभवति भूधरसुतादेवी पगे मस्तके…” अर्थ: जिस भगवान की गोद में हिमालय की पुत्री पार्वती शोभायमान हैं, जिनके मस्तक पर पवित्र गंगा बह रही है, ललाट पर चंद्रमा विराजमान …

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रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ सहित

रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई | रामायण की चौपाई | रामायण चौपाई

रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ सहित बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥ सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुघात सुहाई॥ अर्थ : सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर …

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राम नवमी

रामनवमी: भगवान श्रीराम के जन्म का पावन पर्व

रामनवमी: भगवान श्रीराम के जन्म का पावन पर्व रामनवमी का त्योहार हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में आता है। इस दिन को खास इसलिए माना जाता है क्योंकि भगवान श्रीराम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, इसी दिन अयोध्या में …

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Valmiki's Sundara Kanda

“सुंदरकांड” : Valmiki’s Sundara Kanda

भूमिका:- सुंदरकांड रामायण का एक महत्वपूर्ण कांड है, जो हनुमानजी की वीरता, भक्ति, और साहस का परिचायक है। यह कांड श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की लंका यात्रा, सीता माता से भेंट, और लंका दहन की अद्भुत कथा को प्रस्तुत करता है। इसे तुलसीदासजी ने श्रीरामचरितमानस में बहुत ही भावपूर्ण ढंग से लिखा है। सुंदरकांड …

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Katha Mahashivratri Vrat

Katha Mahashivratri Vrat

Katha Mahashivratri Vrat : महाशिवरात्रि  कथा       महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसे शिव भक्त उपवास, रात्रि जागरण और विशेष पूजन करके मनाते …

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बसंत पंचमी

बसंत पंचमी – महत्व, परंपराओं और सांस्कृतिक दृष्टिकोण

बसंत पंचमी – महत्व, परंपराओं और सांस्कृतिक दृष्टिकोण –  बसंत पंचमी: महत्व, परंपराएँ और सांस्कृतिक दृष्टिकोण भूमिका बसंत पंचमी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विद्या, ज्ञान, संगीत, कला और ऋतु परिवर्तन के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी …

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मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या , व्रत कथा

मौनी अमावस्या , व्रत कथा   माघ मास की अमावस्या या मौनी अमावस्या पाप धोने और मोक्ष पाने का दिन है। इस दिन लोग स्नान, दान और अपने पितरों का तर्पण करते हैं। कहते हैं कि इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है, इसलिए इस दिन कई लोग महाकुम्भ में अमृत स्नान …

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कुंभ मेला की कथा

कुंभ मेला की कथा

कुंभ मेला की कथा    कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक विशाल और विश्वप्रसिद्ध धार्मिक उत्सव है, जो श्रद्धा, आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। कुंभ मेले का आयोजन हर 12 वर्षों के अंतराल पर चार प्रमुख स्थानों—प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक—में किया जाता है। इन स्थानों को पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि …

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श्री रामचन्द्रजी का राजतिलक

श्री रामचन्द्रजी का राजतिलक – 2

श्री रामचन्द्रजी का राजतिलक – 2 “सुनत राम अभिषेक सुहावा , बाज गहागह अवध बधावा । राम सीय तन सगुन जनाए , फरकहिं मंगल अंग सुहाए।।” श्री रामचन्द्रजी के राजतिलक की सुहावनी खबर सुनते ही अवध भर में बड़ी धूम से बधावे बजने लगे । श्री रामचन्द्रजी और सीताजी के शरीर में भी शुभ शकुन सूचित …

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