श्री रामचन्द्रजी का राजतिलक – 2
श्री रामचन्द्रजी का राजतिलक – 2 “सुनत राम अभिषेक सुहावा , बाज गहागह अवध बधावा । राम सीय तन सगुन जनाए , फरकहिं मंगल अंग सुहाए।।” श्री रामचन्द्रजी के राजतिलक की सुहावनी खबर सुनते ही अवध भर में बड़ी धूम से बधावे बजने लगे । श्री रामचन्द्रजी और सीताजी के शरीर में भी शुभ शकुन सूचित …