गणेश चतुर्थी पूजा विधि : महत्व ,भगवान गणेश की उत्पत्ति की कथा
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राम का राज्याभिषेक की तैयारी, देवताओं की व्याकुलता तथा सरस्वती से उनकी प्रार्थना * सब कें उर अभिलाषु अस कहहिं मनाइ महेसु। आप अछत जुबराज पद रामहि देउ नरेसु॥1॥ भावार्थ:-सबके हृदय में ऐसी अभिलाषा है और सब महादेवजी को मनाकर (प्रार्थना करके) कहते हैं कि राजा अपने जीते जी श्री रामचन्द्रजी को युवराज पद दे दें॥1॥चौपाई :* …
“रचहु मंजु मनि चौकें चारू ,कहहु बनावन बेगि बजारू। पूजहु गनपति गुर कुलदेवा ,सब बिधि करहु भूमिसुर सेवा “|| अयोध्या में सुन्दर मणियों के मनोहर चौक पुरवाओ और बाजार को तुरंत सजाने के लिए कह दो। श्री गणेश जी, गुरु और कुलदेवता की पूजा करो और भूदेव ब्राह्मणों की सब प्रकार से सेवा करो …
श्री रामचन्द्र जी का राजतिलक-2 , (अयोध्या काण्ड) Read More »
श्री राम चन्द्र जी का राजतिलक …
सीता जी की विदाई , मंगल की राशि शुभ शकुन हो रहे हैं। …
सीता जी का विवाह मण्डप में आगमन सीता जी सभी सखियों के साथ मण्डप में प्रवेश करती हैं सहज ही सुन्दरी सीता जी स्त्रियों के समूह में इस प्रकार शोभा पा रही हैं, मानो छवि रूपी ललनाओं के समूह के बीच साक्षात परम मनोहर शोभा रूपी स्त्री सुशोभित हो । सभी ने उन्हें मन ही …
सीता-राम विवाह समारोह “मंगल मूल लगन दिनु आवा हिम रितु अगहनु मासु सुहावा। ग्रह तिथि नखतु जोगु बर बारू लगन सोधि बिधि कीन्ह बिचारू।।” सीता-राम विवाह समारोह मंगलों का मूल लग्न का दिन आ गया हेमन्त ऋतु और सुहावना अगहन का महीना था। ग्रह , तिथि , नक्षत्र, योग और वार श्रेष्ठ थे। …
जनकपुर में बारातियों का स्वागत जनकपुर में बारातियों का स्वागत , बारात ऐसी बनी कि उसका वर्णन करते नहीं बनता। सुन्दर शुभदायक शकुन हो रहे हैं। तीनों प्रकार की शीतल, मंद , सुगंधित हवा अनुकूल दिशा में चल रही है। स्वयं सगुण ब्रह्म जिसके सुन्दर पुत्र हैं, उसके लिए सब मंगल शकुन सुलभ …
अयोंध्या में राम जी के बारात की तैयारी अयोंध्या में राम जी के बारात की तैयारी ,जनकपुर से आये दूत से जब राजा दशरथ अपने दोनो पुत्रों का हाल चाल लेने लगें – “स्यामल गौर धरें धनु भाथा , बय किसोर कौसिक मनि साथा । पहिचानहु तुम्ह कहहु सुभाऊ , प्रेम बिबस पुनि पुनि कह …