सीताजी का राम जी के प्रति मोहित होना , तथा माता गिरिजा जी का सीताजी को आशिर्वाद
सीताजी का राम जी के प्रति मोहित होना , तथा माता गिरिजा जी का सीताजी को आशिर्वाद “तात जनकतनया यह सोई, धनुषजग्य जेहि कारन होई। पूजन गौरि सखीं लै आईं, करत प्रकासु फिरइ फुलवाई।।” राम जी लक्ष्मण जी कहते हैं , तात यह वही जनक जी की कन्या है जिसके लिए धनुष यज्ञ हो …
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